अगर “बेवफाओं” की अलग ही दुनिया होती तो मेरी वाली वहाँ की “रानी” होती..!!
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते… ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करते.।।
अजीब मेरा अकेलापन है,,, तेरी चाहत भी नहीं और तेरी जरूरत भी है….
अपनी जवानी 👦 में और रखा ही क्या है, ☝कुछ तस्वीरें 🖼 यार 👩 की बाकी बोतलें शराब की ।।
अपनी तो ज़िन्दगी ही अजीब कहानी है.. जिस चीज़ को चाहा वो ही बेगानी है… हँसते है तो सिर्फ दोस्तों को हसाने के लिए … वरना इन आँखों में में पानी ही पानी है…
अब इश्क ☝ भी करो तो ज़ात पूछकर करना, ☝ यारो मज़हबी झगड़ो में मोहब्बत हार ☝ जाती है…
अब ज्यादा मछलियाँ चाहियें तो पानी में तो उतरना ही पड़ेगा !
अब ये जरुरी तो नहीं की जिससें ख़ुशी मिले उससे मोहब्बत हो, क्योकिं सच्चा प्यार तो अक्सर दिल तोड़ देने वालोँ से ही होता हैं.
अब ये न पूछना कि ये अल्फ़ाज़ कहाँ से लाता हूँ, कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ !
अब शिकायतेँ तुम से नहीँ खुद Se है.. माना के सारे झूठ तेरे थे.. लेकिन उन पर यकिन तो मेरा था!!
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको, यहाँ झील सी गहरी ख़ामोशी है।
अज़ब माहौल है मेरे ‘मुल्क’ का, मज़हब थोपा जाता है, ‘इश्क’ रोका जाता है !!
आँखों के समंदर में कभी उतर कर न देखा, दिल के दरिया में कभी बहकर न देखा. सब कहते रहे मुझको कि पत्थर दिल हूँ मैं, मोम का बना था मैं, मगर किसी ने छूकर न देखा..
आँसू आ जाते हैँ आखोँ मेँ रोने से पहले… खुआब टूट जाते हैँ पूरे होने से पहले….प्यार गुनाह है यह तो समझ गए… काश कोई रोक लेता यह गुनाह होने से पहले।
आज के बाद ” ये रात और तेरी बात ” नहीं होगी😢
आज तक ऐसा कोई मिला नही ! जो इस #नवाब दिल ♡ को #गुलाम बना सके…
आज बडी देर तक वो मुजे देखता रहा नजाने क्यू लगा के वो मूजे छोड जायेगा ।
आज भी अजीज है मुझे तेरी हर निशानी चाहे वो “दिल” का “दर्द” हो या “आँखों” का “पानी” ।
आज भी उसी मोड़ पर इंतजार क्र रहा हु उनका जहाँ न लोट कर आने की वो कसम खाए बेठे है !!
आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो !!
आपको ज़ीद हे अगर हमे भूलने की तो, हमे भी ज़ीद हे आपको अपनी याद दिलाने की !!!!
इक बात कहूँ “इश्क”, बुरा तो नहीँ मानोगे…. बङी मौज के थे दिन, तेरी पहचान से पहले.
इक ये कोशिश कि, कोई देख ना ले दिल के जख्म ! इक ख्वाहिश ये कि, काश कोई देखने वाला होता !
इतना किसी को सताया नहीं करते, हद से ज़्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते, जिनकी साँसें चल्ती हों आपके लफ़्हज़ों से, उन्हे अपनी आवाज़ के लिये तरसाया नहीं करते ।
इतना याद न आया करो, कि रात भर सो न सकें। सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग।
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी, चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया ।
इतनी शिकायत, इतनी शर्तें, इतनी पाबन्दी, तुम मोहब्बत कर रहे हो या सौदा कोई ।
इतने बुरे ना थे जो ठुकरा दिया तुमने हमेँ. तेरे अपने फैसले पर एक दिन तुझे भी अफसोस होगा!!!
इरादा कतल का था तो मेरा सिर कलम कर देते , क्यों इश्क़ में डाल कर तूने मेरी हर साँस पर मौत लिखदी।
इरादा कत्ल का था तो ~मेरा सर कलम कर देते क्यू इश्क मे डाल कर तुने ~हर साँस पर मौत लिख दी..!!
इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना… ए दोस्त… इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है…!
इश्क की सजा मिली मुझे ज़ख्म लगा कुछ ऐसे दिल पर, अगर छिपाता तो जिगर जाता, और सुनाता तो बिखर जाता..
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोगदिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग.
इश्क वो खेल नहीं जो छोटे दिल वाले खेलें, रूह तक काँप जाती है, सदमे सहते-सहते.
इस कदर शिद्दत से चाहा था मैने उसको यारो… अगर दुश्मन भी होता तो निभाता उम्रभर !
इस जवानी से अच्छा तो बचपन था जब दर्द होता वहीं रो देते, आजकल तो रोने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है. !
इस दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक है,लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर !!
इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत, आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही निकला !!
“ईतना गुरुर न कर ए बेवफा अपनी जीत पर,
तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के हैं…”
“उनसे कहना की क़िस्मत पे ईतना नाज ना करे,
हमने बारिश में भी जलते हुए मकान देखें हैं ! “
उम्र कैद की तरह होते हे कुछ रिश्ते ,, जहा जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नही!!!
उल्फत का यह दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही हमसे दूर होता है, दिल टूट कर बिखरता है इस क़द्र जैसे,कांच का खिलौना गिरके चूर – चूर होता है
उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है, अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती ।
उसकी मोहब्बत भी बादलो की तरह निकली, छायी मुझ पर और बरस किसी और पर गयी ।
उसकी हंसी में चुप्पी दर्द को महसूस तो कर .. वो तो यूँही हंस हंस के खुद को सजा देता है…
उसने बड़ी बेरुखी से कहा ” बस , अब जुदा होना है ” और आज दिल- ए- बरबाद में सिर्फ शोला और चिन्गारी है.
उसने महबूब ही तो बदला है ताज्जूब कैसा * * दूआ कबूल ना हो तो लोग खूदा भी बदल लेते हैं !!
उसे मेरे जनाजे की दावत मत देना ये मेरे मोहब्बत की तोहीन हो गी ऐ दोस्तो क्या वह पैदल सफर करे… ओर हम चार कंधो पर सफर करे.
एक आरज़ू थी तेरे साथ जिंदगी गुजारने की, पर तेरी तरह मेरी तो ख्वाहिशे भी बेवफा निकली।
एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा;बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा;टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने;अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।
एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई,एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब.
एक सन्नाटा दबे पाँव गया हो जैसै, दिल से इक ख़ौफ सा गुज़रा है बिछड़ जाने का..
ऐ इश्क़…तेरा वकील बन के बुरा किया मैनें, यहाँ☝🏻हर शायर तेरे खिलाफ सबूत लिए बैठा हैं…
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे…. किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है.
ऐ जिंदगी ख़त्म कर अब ये तमासा♫मैं थक गया हूँ दिल को तसल्लियाँ देते देते.
ऐ बादल! मेरी आँखे तुम रख लो… कसम सें बड़ी माहिर हैं बरसने मे…
ऐसा करो, बिछड़ना है तो, रूह से निकल जाओ,रही बात दिल की, उसे हम देख लेंगे.
“ऐसा नहीं है कि दुःख बढ़ गए है बल्कि सच्चाई यह है कि
लोगों में सहनशीलता कम हो गयी है। “
औकात नही ❌ थी इस दुनिया 🌎 में किसी 👩की जो हमारी कीमत 💰 लगा सके…लेकिन प्यार ❤ में पड गया आखिर और मुफ़्त में खुद बिक गया
और भी बनती लकीरें दर्द की शुकर है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए !!
कईं रोज से कोई नया जखम न दिया पता करो सनम ठीक तो है न !!
कभी टूट कर बिखरो तो मेरे पास आ जाना,मुझे अपने जैसे लोग बहुत पसंद हैं ।
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर,बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे..
कभी फुर्सत मिले तो सोचना जरूर, एक लापरवाह लड़का क्यों तेरी परवाह करता था??
कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है….!!
कल रात मैंने अपने सारे ग़म,कमरे की दीवार पर लिख डाले,बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही.
कहने को कुछ नहीं …आह भी चुप सी घुट रही है सीने में” !!
क़ाश कोई ऐसा हो, जो गले लगा कर कहे…!! तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती है….!!
काश तू मेरी आँखों का आँसू बन जाए, मैं रोना ही छोड़ दूँ तुझे खोने के डर Se..
काश तेरी याद़ों का खज़ाना बेच पाते हम.. !! हमारी भी गिनती आज अमीरों में होती..!!
काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ, तेरे बिन, तेरी तरह, तेरी कसम, तेरे लिए !
कितना नादान है ये दिल❤, कैसे समझाऊँ की, जिसे तू खोना नही चाहता हैं, वो तेरा होना नही चाहता है।
कितना मुश्किल हे मोहबत की कहानी लिखना,जेसे पानी से पानी पर पानी लिखना…
कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी , हज़ारों अपने हैं मगर, याद तुम ही आते हो..
“कितने सालों के इंतज़ार का सफर खाक हुआ ।
उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”। “
कितने सालों के इंतज़ार का सफर खाक हुआ । उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।
किसी को मेरे बारे में… पता कुछ भी नही, इल्जाम हजारो है और खता कुछ भी नही..
किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!
कुछ नहीं है आज मेरे शब्दों के गुलदस्ते में, कभी कभी मेरी खामोशियाँ भी पढ लिया करो.
कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने, मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये…!!!
कैसे करूँ मैं साबित…कि तुम याद बहुत आते हो…एहसास तुम समझते नही…और अदाएं हमे आती नहीं…
कोई आँखों आँखों में बात कर लेता है,कोई आँखों आँखों में इकरार कर लेता है,बड़ा मुश्किल होता है जवाब दे पाना,जब कोई खामोश रहकर भी सवाल कर लेता है !!!
कोई मिला हमे चाँद की चाँदनी बन कर, कोई मिला परियो की कहानी बन कर, पर जिस किसी को पलको मे बसाया हमने, वो निकल गया आख से पानी बन कर…
कोन कहता हे मुसाफिर जख्मी नही होते , रस्ते गवाह हे कम्बख्त गवाही नही देते ..!!
कौन खरीदेगा अब हीरो के दाम में तुम्हारे आँसु ;वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने ।
क्या करियेगा पहचान कर इन चेहरों को अब तो अपना चेहरा भी अजनबी सा नजर आता है !!
“क्या पता था प्यार करके दिल तोड़ जाएगी,
दिल में प्यार भर के मुह मोड़ जाएगी,
ऐ बेवफा…
तू जिससे भी दिल लगाएगी देखना
कभी चैन की साँस ना ले पायेगी.”
क्या लिखूँ दिल की हकीकत आरज़ू बेहोश है,ख़त पर हैं आँसू गिरे और कलम खामोश है!
क्यों घबराता है पगले दुःख होने से जीवन तो प्रारम्भ ही हुआ है रोने से….!!
क्यों सताते हो मुझे यूँ दुरियाँ बढ़ाकर, क्या तुम्हे मालूम नहीं अधूरी हो जाती है तुझ बिन जिन्दगी .
ख़ुशी कहा हम तो “गम” चाहते है, ख़ुशी उन्हे दे दो जिन्हें “हम” चाहते हे.
ख़्वाहिशों का कैदी हूँ,मुझे हकीक़तें सज़ा देती हैं!
खाएं हैं लाखों धोखे..एक और सह लेंगे..❤ ♡ तू ले जा अपनी डोली..हम अपने जनाजे को बारात कह लेंगे..
खामोशी के भी अपने अल्फाज़ होते हैं … अगर तुम समझ जाते तो आज मेरे करीब होते।
खाली ग्लास से “चीयर्स” और तेरी आखों से नीकले हुए “टीयर्स” मुझे बीलकुल अच्छे नही लगते.
खाली हाथों को कभी गौर से देखा है… किस तरह लोग लकीरो से निकल जाते है।
खिड़की के बाहर का मौसम, बादल, बारिश और हवा!खिड़की के अंदर का मौसम, आंसू, आहें और दुआ
खुदको मेरे दिल में ही छोड़ गई हो,तुझे तो ठीक से बिछड़ना भी नहीं आया.
खुश तो वो रहते हैं जो ” जिस्मों ” से मोहब्बत करते है, क्यूंकि, ” रूह ” से मोहब्बत करने वालों को अक्सर ” तड़पते ” ही देखा है…
खूबियाँ इतनी तो नही हम में कि तुम्हे कभी याद आएँगे पर इतना तो ऐतबार है हमे खुद पर, आप हमे कभी भूल नही पाएँगे
गलत होकर भी, खुद को सही साबित करना उतना मुश्किल नहीं होता, जितना की सही होकर खुद को सही साबित करना..😊
गिरा दे जितना पानी है तेरे पास ऐ बादल. ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी तेरे बरसने से नही.
चंद फासला जरूर रखिए हर रिश्ते के दरमियान, क्योंकि नहीं भूलती दो चीज़ें चाहे जितना भुलाओ, – एक “घाव” और दूसरा “लगाव” ।।।।
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर. कुछ चोटे तुझे भी आई होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारकर !!
चल हो गया फैसला कुछ कहना ही नहीं …तू जी ले मेरे बगैर मुझे जीना ही नहीं..💔💔
चलती हुई “कहानियों” के जवाब तो बहुत है मेरे पास………..लेकिन खत्म हुए “किस्सों” की खामोशी ही बेहतर है….
चली जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे ।। इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई, वो किसी ओर कि क्या होगी ।
चली जाने दो उसे किसी ओर की बाहों मे ,इतनी चाहत के बाद जो मेरी ना हुई, वो किसी ओर कि क्या होगी..
चलो अब जाने भी दो,क्या करोगे दास्तां सुनकर… खामोशी तुम समझोगी नहीं,और बयां हमसे होगी नहीं…!!!
चलो अब जाने भी दो….क्या करोगे दास्तां सुनकर,,, ख़ामोशी तुम समझोगे नही….और बयां हमसे होगा नही !!
चलो ना आज तो खत्म करते है, जो भी शिकवे थे गिले थे बड़ी मुश्किल से कटी थी पिछली रात तुमसे खफा होकर
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा, दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ.
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना हमेशा के लिए ,‘दोस्त’ जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना…
जख्म बन जाने की आदत है उन्हें रुला कर मुस्कुराने की आदत है उन्हें ; मिलेंगे कभी तो खूब रुलाएंगे सुना हैं रोते हुए लिपट जाने की आदत है उन्हें ।
जब इत्मीनान से, खंगाला खुद को थोडा मै मिला और बहुत सारे तुम ।
जब भी चाहा सिर्फ तुम्हे चाहा.. पर कभी तुम से कुछ नही चाहा..!!
जरा ठहर ऐ जिंदगी तुझे भी सुलझा दूंगा,पहले उसे तो मना लूं जिसकी वजह से तू उलझी है.
जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है, वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते….!!
“जानते हैं दुनिया की सबसे कीमती चीज़ें क्या हैं ?
सच्ची ख़ुशी के आंसू और सच्चे आंसुओं पर मुस्कान।”
जानते हैं दुनिया की सबसे कीमती चीज़ें क्या हैं ? सच्ची ख़ुशी के आंसू और सच्चे आंसुओं पर मुस्कान।
जिंदगी के रूप में दो घूंट मिले,इक तेरे इश्क का पी चुके हैं..दुसरा तेरी जुदाई का पी रहे हैं !!!! 😐
जिंदगी में बेशक हर मौके का फायदा उठाओ !! मगर, किसी के भरोसे का फ़ायदा नहीं !!
जिन्दगी भर कोई साथ नहीं देता यह जान लिया हमने, लोग तो तब याद करते हैं जुब वह खुद अकेले हों!!!
जिस “चाँद” के हजारों हो चाहने वाले… *दोस्त*, वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को….!!
जिस जिस ने मुहब्बत में, अपने महबूब को खुदा कर दिया, खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए, उनको जुदा कर दिया.
जिस रोज तेरे चाहने वालो को तू बेहद बुरी लगेगी, उस दिन भी तू हमे बेहद खूबसूरत लगेगी !
जिस “चाँद” के हजारों हो चाहने वाले दोस्त,वो क्या समझेगा एक सितारे कि कमी को.
जिसे दिल मे जगह दी थी वो ही सब बर्बाद कर गया….!!
जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह….!” ए खुदा “फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये…!”
जिस्म से होने वाली मुहब्बत का इज़हार आसान होता है… रुह से हुई मुहब्बत को समझाने में ज़िन्दगी गुज़र जाती है…..
जिस्म 😌 पर जो निशान ☝ हैं ना जनाब, 👦वो बचपन के ☝ हैं बाद के 😌 तो सारे दिल ❤ पर है ।। 😌
जो फुर्सत मिले तो मुड़कर देख लेना मुझे एक दफा, तेरे प्यार में पागल होने की चाहत मुझे आज भी है ।
जो लोग एक तरफा प्यार करते है अपनी ज़िन्दगी को खुद बर्बाद करते है ! नहीं मिलता बिना नसीब के कुछ भी, फिर भी लोग खुद पर अत्याचार करते है !!
जो 👆 कभी मेरा “Password”📱 था, ^_^ आज उसके 👉 👸 पास मेरे लिए कोई “Word” नहीं है…
ज्यादा कुछ नहीं बदला उसके और मेरे बीच में पहले नफरत नहीं थी अब मोहब्बत नहीं हैं ।
टूट कर चाहा था तुम्हे और तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे 😢
टूटता हुआ तारा सबकी दुआ पूरी करता है..क्यों के उसे टूटने का दर्द मालूम होता है!!!
टूटा हुवा विश्वास छूटा हुवा बचपन दोबारा नहीं लौटेंगे..!
टूटे मक़ान वाला, दिल में ताजमहल रखता हूँ,बात गहरी मगर अल्फ़ाज़ सरल रखता हूँ.
टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया | वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे ||
डूबे हुओं को हमने बिठाया था अपनी कश्ती में यारो….. और फिर कश्ती का बोझ कहकर, हमे ही उतारा गया…!
तकिये क़े नीचे दबा क़े रखे हैँ तुम्हारे ख़याल..एक तेरा अक्स, एक तेरा इश्क़ ,ढेरोँ सवाल और तेरा इंतज़ार ……..
तड़प के देखो किसी की चाहत में, तो पता चलेगा, कि इंतजार क्या होता है, यूं ही मिल जाए, कोई बिना चाहे, तो कैसे पता चलेगा कि प्यार क्या होता है.
तन्हा रहना तो सीख लिया हमने, लेकिन खुश कभी ना रह पाएंगे, तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता ये दिल, लेकिन तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे.
“तन्हाई अक्सर पूछती हे हमसे,
क्या आज भी इंतजार हे उसके लौट आने का,
ये दिल मुकुर के कहता हे,
मुझे अब तक यकीन नहीं उसके चले जाने का..!!”
तु तो Online होने पर भी मैसेज का Reply नहीँ करती पगली, और हम हैँ कि ✔ मैसेज डेलीवेरेड देख के खुश हो लेते है…
तुजे क्या लगा तु #छोड के चली जायेगी तोमै जी नही पाउगा अबे पागल तु #लडकी है #ओक्सिजन बनने की कोशीश मत कर.
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे । उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ ।।
तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा ….वरना तू सुर्खियों में रहे तेरी इतनी औकात नहीं……
तुम ख़ुद उलझ जाओगे मुझे ग़म देने की चाहत मे, मुझमे हौंसला बहुत है मुस्कुराकर निकल जाऊँगा…
तुम बदले तो मज़बूरिया थी ,हम बदले तो बेवफा हो गए !!!
तुम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर, वरना मैं अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर…!!
तुमको छुपा रखा हे इन पलकों मे,पर इनको ये बताना नहीं आया,सोते हुए भीग जाती हे पलके मेरी,पलकों को अब तक दर्द छुपाना नहीं आया…
तू मेरी चाहत का एक लफ्ज भी ना पढ़ सका, और मैं तेरे दिये हुए दर्द की किताब पढ़ते पढ़ते ही सोती हूँ।
तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था,शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी जिन्दगी.
तेरी “आँखों” की तौहीन है ज़रा सोचो,तुम्हारा चाहने वाला शराब पिता है ?????????
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है, जिसका रास्ता बहुत खराब है, मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा ना लगा, दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी,और लोग समझते हैं कि मैं सुधर गयी हूँ.
तेरी यादें अक्सर छेड़ जाया करती हैं कभी अा़ँखों का पानी बनकर कभी हवा का झोंका बनकर.!!!
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है, एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है, पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने, जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह…!!
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल..जिनके चाहने वाले ज्यादा हो..वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में……रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में !!
तोड़ कर देख लिया आईना-ए-दिल तूने; तेरी सूरत के सिवा और बता क्या निकला।
तड़प उठते है, उन्हें याद करके, जो गए है, हमे बर्बाद करके, अब तो इतना ही ताल्लुक रह गया है कि रो लेते है, बस उन्हें याद करके.
दर्द काफी है बेखुदी के लिए, मौत काफी है ज़िन्दगी के लिए, कौन मरता है किसी के लिए, हम तो ज़िंदा है आपके लिए…
“दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं,
दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है ! “
दर्द कितना खुशनसीब है जिसे पा कर लोग अपनों को याद करते हैं, दौलत कितनी बदनसीब है जिसे पा कर लोग अक्सर अपनों को भूल जाते है !!
दर्द सहने की कुछ यु आदत सी हो गई है…. की अब दर्द न मिले तो दर्द सा होता है !
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते! गम के आंसू न बहाते तो और क्या करते! उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ! हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
दिखावे की मोहब्बत तो जमाने को हैं हमसे पर…,, ये दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ ज़ज्बातो की कदर होगी !!
दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझ से मिलने के न दिल ठहरता है न इंतज़ार रुकता है !!
दिल “चाहे ” Left मे हो, लेकिन उसकी Feelings हमेशा “Right” होती हैं…
दिल किसी से तब ही लगाना जब दिलों को पढ़ना सीख लो;वरना हर एक चेहरे की फितरत में ईमानदारी नहीं होती.
“दिल जीत ले वो जिगर हम भी रखते है,
क़त्ल कर दे वो नज़र हम भी रखते है,
वादा किया है किसी को हमेशा मुस्कुराने का,
वरना आँखों में समंदर हम भी रखते हैं…”
दिल के अरमान को दिल मे सुला ना देना, अपनी खूबसूरत आँखो को रुला ना देना, कल किसने देखा है, आख़िर हम ना रहे तो हमे भुला ना देना
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,….. नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी.
दो आँखो में…दो ही आँसू….एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर..!!😢💔
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले,, कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे नहीं.
दोस्तो होली आई अौर चली भी गई थोड़ी देर बाद रंग भी उतर गया, ये होली बिल्कुल उसकी तरह निकली..!!
“धीरे धीरे अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,
न तेरे आने की ख़ुशी हुई और न जाने का गम हुआ,
जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारी दोस्ती की दास्तान,
मैं कह देता हूँ की वो एक फ़साना था जो अब ख़त्म हुआ…”
नमक की तरह हो गयी है जिंदगी, लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते हैं !!!
ना उजाड़ ए ख़ुदा किसी के आशियाने को….बहुत वक़्त लगता है एक छोटा सा घर बनाने को…
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता 🙁
ना मेरा दिल बुरा था ना उसमें कोई बुराई थी , सब नसीब का खेल है , बस किस्मत में जुदाई थी।
ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा किसी परिंदे से,जब पर निकल आते हैं तो अपने भी आशियाना भूल जाते हैं.
निगाहों में अभी तक दूसरा कोई चेहरा ही नहीं आया, भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का…
पगला हमारी ѕтσяу कोई ααѕнιqυι2 कि नहीं है जो हम अकेले मर जायेगे हमारी ѕтσяу तो ιѕнαqzαα∂є जेसी है जियेगे भी तेरे साथ और मरेगे भी तेरे साथ☺.!
“परवाह करनेवाले अक्सर रुला जाते है,
अपना कहकर पराया कर जाते है,
वफ़ा जितनी भी करो कोई फर्क नहीं,
“मुझे मत छोड़ना” कहकर खुद छोड़ जाते है|”
परिसथिति एक ऐसी चीज है जो इऩसान को सबकुछ सीखा देती है, बचपन मे ही बड़ा बना देती है।
पहले नहीँ पर अब सोचने लगे हैँ हम… जिँदगी के हर लम्हेँ मेँ तेरी जरुरत सी क्योँ लगती है…
पानी मेँ पत्थर मत फेंको उस पानी कोभी कोई पीता है॥ यु मत रहो जिँदगी मेँ उदास तुमे देख के भी कोई जिता है॥
प्यार उससे करो जिसका दिल पहले से टूटा हुआ हो, क्योकि, जिसका दिल टूटा होता है, वो किसी का दिल नही तोडता !
“प्यार कर के जताना ज़रूरी नहीं,
याद करके बताना जरुरी नहीं,
रोने वाले तो दिल से रोते है,
उसके लिए आँख में आंसू आना ज़रूरी नहीं…”
प्यार करना हर किसी के बस की बात नहीं …. जिगर चाहिए अपनी ही खुशियां बर्बाद करने के लिए।
प्यार करने से पहले पैसे कमा लेना यारो, गरीब का प्यार अक्सर, चौराहे पर नीलाम हो जाता है..💔
प्यार में मेरे सब्र का इम्तेहान तो देखो… वो मेरी ही बाँहों में सो गए… किसी और के … लिए रोते रोते…
प्यार से प्यारी कोई मजबूरी नहीं होती कमी अपनों की कभी पुरी नहीं होती दिलों का जुदा होना एक अलग बात हैं. नजरों से जुदा होना कोई दुरी नहीं होती…
फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है बस जिक्र करने का हक नही रहा !!
फासलों का एहसास तो तब हुआ,जब मैनें कहा “मैं ठीक हूँ” और ‘उसने’ मान भी लिया !
फेंका जो तूने हम पर ये अलविदा का खंजर,🙅 रखा है बड़े प्यार 💑से.. तेरी निशानी समझकर
बड़ा ही हसीन वहम है…कि हम उनके लिए अहम हैं…!!!
बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते हैं, पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं, ले जाती है मोहब्बत उन राहो पर, जहा दिए नही दिल जलाए जाते हैं
बड़े सुकून से वो रहता है आज कल मेरे बिना, जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे…
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोसतों, वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा…!!!
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!
बहस में दोनों को मज़ा आता रहा~~~ मैं दिल ❤को और दिल मुझको समझाता रहा…😊😡
बहुत अज़ीब होती है ये यादें भी मोहब्बत की..जिन पलों में हम रोए थे,उन्हें याद करके हमें हसीं आती है…और जिन पलों में हसें थे ..उन्हें याद करके रोना आता है॥
बहुत आसान है पहचान इसकी . . . अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है!!
बहुत खूबसूरत निशानी एक रखी है मेरे पास तुम्हारी,,, मेरी किताब मैं बनाया दिल मेरा , और उसपर चलाया हुआ तीर तुम्हारा..
बहुत थक सा गया हूँ खुद को साबित करते करते , मेरे तरीके गलत हो सकते है मगर मेरी मोहब्बत नही ।
बहुत देर करदी तुमने मेरी धडकनें महसूस करने में..! वो दिल नीलाम हो गया, जिस पर कभी हकुमत तुम्हारी थी..!
बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में, अच्छा हुआ हम वक़्त पर निकल गए !!
बहुत भीड़ है मोहब्बत के इस शहर में, एक बार जो बिछड़ा, वो दोबारा नहीं मिलता..
“बात बात पे लोग रूठ जाते है,
हाथ युहीं अनजाने में छुट जाते है,
कहते है बड़ा नाज़ुक है प्यार का रिश्ता,
इसमें हँसते हँसते भी दिल टूट जाते है|”
बात मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना, कोई कसर तो न छोड़ी थी तुझे चाहने में ।
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी, आज ज़रा वक़्त पर आना ‘मेहमान-ए-ख़ास’ हो तुम…!!
बेशक तू बदल ले अपने आपको लेकिन ये याद रखना.. तेरे हर झूठ को सच मेरे सिवा कोई नही समझ सकता…!
बेशक तेरे फ़ोन की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन, पता नहीं क्या सोचकर, मैं आज भी नंबर नहीं बदलता…
बड़े अजीब से इस दुनिया के मेले हैं, यूँ तो दिखती भीड़ है, पर फिर भी सब अकेले हैं…!
भरम है .. तो भरम ही रहने दो …. जानता हूं मोहब्बत नहीं है …पर जो भी है … कुछ देर तो रहने दो
भुला देंगे तुमको ज़रा सब्र तो कीजिये , आपकी तरह मतलबी बनने में थोड़ा वक़्त तो लगेगा हमें।
मंज़िलों से गुमराह भी ,कर देते हैं कुछ लोग ।। हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता !!
मत खोल मेरी किस्मत की क़िताब को,हर उस सख़्श ने दिल दुखाया जिस पर नाज़ था ।
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !!
मयखाने से पूछा आज इतना सन्नाटा क्यों है, बोला, साहब लहू का दौर है शराब कौन पीता है
महफिल लगी थी बद दुआओं की, हमने भी दिल से कहा, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो, उसे इश्क़ हो…
मिल रहे हो न खो रहे हो तुम, दिन ब दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम ।
मिलना इत्तिफाक था, बिछड़ना नसीब था; वो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब था; हम उसको देखने क लिए तरसते रहे; जिस शख्स की हथेली पे हमारा नसीब था।
मुकम्मल सी लगती है, मेरी शायरी लफ्ज जब मेरे होते हैं, और जिक्र तेरा …
“मुझ से बदनसीब कौन होगा …
मेरी कंधे पे सिर रख कर वो रोया भी तो किसी और के लिए ..! “
मुझको ढुँढ लेता है रोज किसी बहाने से, दर्द वाकिफ हो गया हैँ मेरे हर ठिकाने से…
मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की, कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता…!!
मुझे आदत नहीं कहीं बहुत देर तक ठहरने की, लेकिन जब से तुम से नजरे मिलीे है ये दिल कही और ठहरता नही !!
मुझे किसी को मतलबी कहने का कोई हक़ नहीं। मैं तो खुद अपने रब को मुसीबतों में याद करता हूँ ।
मुझे ढूंढने की कोशिश अब न किया कर… तूने रास्ता बदला तो मैंने मंज़िल बदल ली..
मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!
मुझें छोड़कर Wo खुश हैं, तो शिकायत कैसी.. अब मैं उन्हें खुश भी न देखूं तो मोहब्बत कैसी..
मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने Message तेरे, तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी ..!
“मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां,
मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं “
मुस्कुराने से भी होता है ग़में-दिल बयां, मुझे रोने की आदत हो ये ज़रूरी तो नहीं !!!
मुहब्बत तो भगवान कृष्णा की भी अधूरी ही थी,खैर हम तो फिर भी मामूली से इंसान हैं.
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं; चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
मे दील मे सबको आने का मौका देता हूँ पर तुम शक ना करो, तुम जहा बस्ती हो यकींन मानो में वहा किसको जाने नही दूंगा..
मोहब्बत ज़िंदगी बदल देती है,मिल जाए तो भी ना मिले तो भी..!!
मोहब्बत भी हाथों में लगी मेहँदी की तरह होती है कितनी भी गहरी क्यों ना हो फीकी पड़ ही जाती है।
मौत की हिम्मत कहा थी मुझसे टकराने की… साली ने मोहब्बत को मेरी सुपारी दे डाली…
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने. कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं !!
याद आयेगी हमारी तो बीते कल की किताब पलट लेना यूँ ही किसी पन्ने पर मुस्कुराते हुए हम मिल जायेंगे।
यूँ गुमसुम मत बैठो पराये से लगते हो,मीठी बातें नहीं करना है तो चलो झगड़ा ही कर लो…!!
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से,मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी हैं.
यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है …. मगर झूठी हँसी हसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है।
ये तो शौक है मेरा ददॅ लफ्जो मे बयां करने का, नादान लोग हमे युं ही शायर समझ लेते है.